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Maharashtra

महाराष्ट्र कैबिनेट ने नई गृहनिर्माण नीति को दी मंजूरी, मुख्यमंत्री फडणवीस बोले- "मेरा घर मेरा अधिकार" के तहत सभी को आवास उपलब्ध कराना उद्देश्य


मुंबई: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार (Devendra Fadnavis) ने आम जनता को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra Cabinet) ने मंगलवार को नई गृहनिर्माण नीति को मंजूरी दे दी है। 2007 के बाद राज्य में पहली बार घर निर्माण के संबध में नई नीति लाइ गई है। निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि, "नई नीति निर्माण (New Housing Construction Policy) करने के समय सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है। 'मेरा घर मेरा अधिकार' घोष वाक्य के साथ यह नई नीति लाइ गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य सभी को घर मुहैया कराना है।" 

मंगलवार को मुख्यमंत्री फडणवीस की अद्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में राज्य से जुड़े हुए कई प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट में लिए निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि, "कैबिनेट ने राज्य की नई गृह निर्माण नीति को दी मंजूरी, 'मेरा घर मेरा अधिकार' घोष वाक्य से यह नीति लाई गई है। नीति निर्माण के समय हमने महिला, पुरुष, बुजुर्ग, छात्र सहित सभी वर्गो सहित बिंदुओं पर चर्चा और विचार किया गया। नई नीति में सरकारी जमीन पर निर्माण, घरों की कीमतों में कमी, किराये पर रहे रहे लोगों सहित पुननिर्माण सहित सभी का ध्यान नई नीति में की गई है।"

मुख्यमंत्री  ने कहा, "'मेरा घर-मेरा अधिकार' की अवधारणा को व्यवहार में लागू किया जाएगा। इसके लिए 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इसके अनुसार अगले 5 वर्षों में 35 लाख मकान बनाए जाएंगे। इसका लक्ष्य ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी वर्ग को मकान उपलब्ध कराना है।"

महाविकास पोर्टल के माध्यम से घर

मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके टिकाऊ मकान बनाए जाएंगे। वर्ष 2007 के बाद पहली बार ऐसी नीति लागू की जा रही है। महाविकास पोर्टल के माध्यम से सभी लाभार्थियों का घर का सपना पूरा होगा। मैपिंग के माध्यम से आवासीय परियोजनाओं के लिए सरकारी भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। इसलिए, घर का सपना आम आदमी की पहुंच से बाहर नहीं होगा।

आज की कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय:

1) करंजा, जिला वाशिम में वरिष्ठ स्तर का सिविल न्यायालय स्थापित करने का निर्णय। कुल 28 पदों के सृजन तथा 2.50 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी गई। इसके लिए 1.76 करोड़ रुपये (विधि एवं न्याय विभाग)

2) बायोमिथेनेशन तकनीक का उपयोग करके संपीड़ित बायोगैस परियोजना स्थापित करने के लिए, श्री. बृहन्मुंबई नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के तहत देवनार में भूखंड महानगर गैस लिमिटेड (शहरी विकास विभाग) को रियायती दर पर पट्टे पर उपलब्ध कराए जाएंगे।

3) उद्योग विभाग (उद्योग, ऊर्जा, श्रम एवं खान विभाग) के अंतर्गत जिन नीतियों की नीति अवधि समाप्त हो गई है, उनके अंतर्गत विभाग के पास लंबित प्रस्तावों का अनुमोदन

4) 'मेरा घर-मेरा अधिकार' के नारे के साथ राज्य की नई आवास नीति की घोषणा की गई। 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश आएगा, झुग्गी पुनर्वास से पुनर्विकास तक व्यापक कार्यक्रम (आवास विभाग)

5) रुपये की संशोधित लागत को मंजूरी। सुलवाडे जामफल कनोली उपसा सिंचाई योजना, तालुका शिंदखेड़ा, जिला धुले परियोजना के लिए 5329.46 करोड़ रुपये। 52,720 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित होगी (जल संसाधन विभाग)

6) 1 लाख रूपये की संशोधित लागत को मंजूरी। अरुणा मीडियम प्रोजेक्ट, मौजे हेट, तालुका वैभववाड़ी, जिला सिंधुदुर्ग के तहत परियोजना के लिए 2025.64 करोड़। 5310 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित होगी (जल संसाधन विभाग)

7) पोशीर परियोजना, तालुका कर्जत, जिला रायगढ़ के लिए 6394.13 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति। (जल संसाधन विभाग)

8) शिलार तहसील, कर्जत जिला, रायगढ़ में परियोजना के लिए 4869.72 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति। (जल संसाधन विभाग)